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Maa Mangla Gauri Ki Katha

In the month of Sawan, mother Gauri is also kept fast. Yes, Mangala Gauri fast is kept on Tuesday in the month of Sawan and women do this fast for the long life of their husband. Now today we are going to tell you the story of this fast.

एक समय की बात है, एक शहर में धरमपाल नाम का एक व्यापारी रहता था। उसकी पत्नी काफी खूबसूरत थी और उसके पास काफी संपत्ति थी। लेकिन उनके कोई संतान नहीं होने के कारण वे काफी दुखी रहा करते थे।

ईश्वर की कृपा से उनको एक पुत्र की प्राप्ति हुई लेकिन वह अल्पायु था। उसे यह श्राप मिला था कि 16 वर्ष की उम्र में सांप के काटने से उसकी मौत हो जाएगी। संयोग से उसकी शादी 16 वर्ष से पहले ही एक युवती से हुई जिसकी माता मंगला गौरी व्रत किया करती थी।

परिणामस्वरूप उसने अपनी पुत्री के लिए एक ऐसे सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त किया था जिसके कारण वह कभी विधवा नहीं हो सकती थी। इस वजह से धरमपाल के पुत्र ने 100 साल की लंबी आयु प्राप्त की।

इस कारण से सभी नवविवाहित महिलाएं इस पूजा को करती हैं तथा गौरी व्रत का पालन करती हैं तथा अपने लिए एक लंबी, सुखी तथा स्थायी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। जो महिला उपवास का पालन नहीं कर सकतीं, वे भी कम से कम इस पूजा तो करती ही हैं।

इस कथा को सुनने के बाद विवाहित महिला अपनी सास तथा ननद को 16 लड्डू देती है। इसके बाद वे यही प्रसाद ब्राह्मण को भी देती है। इस विधि को पूरा करने के बाद व्रती 16 बाती वाले दीये से देवी की आरती करती है।

व्रत के दूसरे दिन बुधवार को देवी मंगला गौरी की प्रतिमा को नदी या पोखर में विसर्जित कर दी जाती है। अंत में मां गौरी के सामने हाथ जोड़कर अपने समस्त अपराधों के लिए एवं पूजा में हुई भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें।  इस व्रत और पूजा को परिवार की खुशी के लिए लगातार 5 वर्षों तक किया जाता है।

अत:  शास्त्रों के अनुसार यह मंगला गौरी व्रत नियमानुसार करने से प्रत्येक मनुष्य के वैवाहिक सुख में बढ़ोतरी होकर पुत्र-पौत्रादि भी अपना जीवन सुखपूर्वक गुजारते हैं, ऐसी इस व्रत की महिमा है।

Once upon a time, there used to be a businessman named Dharampal in a city. His wife was very beautiful and had a lot of assets. But he used to be very sad because he had no children. He got a son by the grace of God but he was young. He was cursed that at the age of 16, he would die of snake bite. Incidentally, she was married to a young woman before 16 years, whose mother Mangla Gauri used to fast. As a result, she had blessed her daughter with such a happy life, due to which she could never be a widow. Because of this, Dharampal's son attained a longevity of 100 years.

For this reason all newly married women perform this puja and observe Gauri fast and wish for a long, happy and lasting marital life for themselves. Women who cannot follow fasting also do at least this puja. After listening to this story, a married woman gives 16 laddus to her mother-in-law and sister-in-law. After this, she also gives the same prasad to the Brahmin. After completing this method, the Vrati performs the aarti of the goddess with 16 wick lamps. On Wednesday, the second day of the fast, the idol of Goddess Mangla Gauri is immersed in a river or pokhar. In the end, fold your hands in front of Maa Gauri and apologize for all your crimes and for the mistakes and omissions in the worship. This fast and worship is done continuously for 5 years for the happiness of the family. In fact, according to the scriptures, by doing this Mangla Gauri fast according to the rules, the marital happiness of every human is increased and sons and grandchildren get.

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